प्रदूषण आज सारे देश में एक विकट समस्या का रूप धारण कर चुका है। हर साल धरती का औसत तापमान भी बढता जा रहा है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक मानव का धरती पर अस्तित्व ही खतरें में पड जायेगा। आज न केवल जल, वायु बल्कि पांचों तत्व प्रदूषित हो चुके है। मृदा प्रदूषण का तो सीधा असर खेती पर तथा खेती से उत्पन्न हुए अनाज का सेवन करने वाले मनुष्य पर भी दिखाई दे रहा है। बढती बीमारियां इसका प्रत्यक्ष सबूत है। खेती में किए जाने वाले रासानयिक उर्वरकों की खपत को कम करने व प्राकृतिक रूप से खेती करने के लक्ष्य से हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की शुरूआत वर्ष 2018 में की गई थी। योजना अपने आप में एक अनोखी पहल है जो न केवल पर्यावरण बल्कि हमारे देश के किसान के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी। योजना के विषय में हम आगे ओर विस्तार से बात करेंगे कि इसका क्या उद्देश्य है, इससे क्या -2 लाभ होंगे, इसके लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना किसानों को खुशहाली प्रदान करने व उनकी आय में वृद्दि हो सके इस लक्ष्य से शुरू की गई थी। साथ ही खेती में पुराने रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम कर प्राकृतिक रूप से जैविक खेती को बढावा देना भी इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। योजना के माध्यम से रसायनिक उर्वरकों एवं जहरीली दवाओं के इस्तेमाल को बंद करने और किसानों को प्राकृतिक खेती करने की ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे कि वह इन रासायनिक पदार्थों का उपयोग न करने के बाद भी सरलतापूर्वक अपनी खेती कर सकें। योजना का खर्चा सरकार द्वारा उठाया जायेगा और सरकार किसानों को भी आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। गाँव में प्राकृतिक संसाधन की दुकान खोलने के लिए 50,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी। वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार ने इस योजना के लिए 1500 करोड रूपयें का प्रावदान भी रखा है।
योजना का नाम | प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना |
योजना किनके द्वारा आरम्भ की गई | हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा |
लाभार्थी | हिमाचल प्रदेश राज्य के किसान |
योजना में पंजीकरण प्रक्रिया | ऑफलाइन माध्यम द्वारा |
मुख्य उद्देश्य | प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देना और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करना |
मुख्य लाभ | मृदा प्रदूषण में भी कमी आएगी, किसानों को प्राकृतिक खेती करने की ट्रेनिंग मिलने से उनकी आय के स्त्रोतों में बढोत्तरी होगी, राज्य के किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे। उत्तम गुणवत्ता का अनाज पैदा करने में मदद मिलेगी. |
प्रोत्साहन धनराशि | 50,000 रूपयें |
योजना श्रेणी | हिमाचल प्रदेश सरकार योजनाएं |
आधिकारिक वेबसाइट | himachal.nic.in |
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया –
- प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के लिए आवेदन करने के लिए आपको इसके संबंधित कार्यालय में जाना होगा।
- वहां से आपको एक फॉर्म प्राप्त होगा, इस फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरकर आवश्यक दस्तावेज साथ लगाने होंगे। यह फॉर्म वापस कार्यालय में जमा करना होगा।