मध्य प्रदेश पशुधन बीमा योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों तथा पशुपालकों को पशु की अचानक मृत्यु होने पर उससे होने वाले नुकसान की भरपाई के उद्देश्य से शुरू की गई है। योजना के अंतर्गत पशु का मालिक अपने पशु का बीमा एक या तीन साल के लिए करा सकता है। योजना के पंजीकरण के तहत पशु की मृत्यु होने पर उसके मालिक को बीमा कवर की राशि दी जाती है। योजना की अधिक जानकारी के लिए हमसे अंत तक जुडें रहे।
मध्य प्रदेश पशुधन बीमा योजना
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दुधारू पशुओं तथा मवेशियों के मालिकों को पशुधन बीमा योजना के तहत अपने पशु का बीमा करवाने के लिए आमंत्रित किया है। ये योजना राज्य सरकार द्वारा हर जिले में की गई है। इसके तहत भेड़, बकरी, गाय, भैंस, आदि की श्रेणी में 10 जानवरों को एक इकाई के रूप में गिना जायेगा, इसलिए पशु मालिक एक बार में 50 जानवरों का बीमा कर सकते हैं। योजना के तहत सभी प्रकार के पशुओ को बीमा का लाभ मिलेगा। पशुधन की हानि होने पर गरीबी रेखा से ऊपर वाले पशुपालकों को 50 % तथा गरीबी रेखा से नीचे वाले पशुपालकों को, एससी तथा एसटी कैटेैगरी वालो को 70 % का अनुदान मिलेगा। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक साल के लिए 3 फीसदी और तीन साल के लिए 7.5 फीसदी होगी। पशुपालक अपने मवेशियों का एक से तीन साल तक बीमा करा सकते हैं। अधिकारियों को पशु की मृत्यु होने पर 1 महीने की अवधि के भीतर बीमा कंपनी को बीमा दावा प्रस्तुत करना होगा और बीमा कंपनी को पशुधन बीमा योजना के लाभार्थियों का दावा 15 दिनों में निपटाना होगा।
योजना का नाम | मध्य प्रदेश पशुधन बीमा योजना |
योजना किनके द्वारा आरम्भ की गई | मध्य प्रदेश सरकार द्वारा |
लाभार्थी | मध्य प्रदेश राज्य के पंजीकृत किसानों तथा पशुपालकों |
योजना में पंजीकरण प्रक्रिया | ऑफलाइन माध्यम द्वारा |
मुख्य उद्देश्य | किसानों तथा पशुपालकों को पशु की अचानक मृत्यु होने पर उससे होने वाले नुकसान को कम करना |
मुख्य लाभ | पशु बीमा पर बीमा कवर |
प्रोत्साहन धनराशि | पशु बीमा पर बीमा कवर (गरीबी रेखा से ऊपर वाले पशुपालकों को 50 % तथा गरीबी रेखा से नीचे वाले पशुपालकों को, एससी तथा एसटी कैटेैगरी वालो को 70 % का अनुदान मिलेगा। ) |
योजना श्रेणी | मध्य प्रदेश सरकार योजनाएं |
आधिकारिक वेबसाइट |
उपलब्ध नहीं। |
मध्य प्रदेश पशुधन बीमा योजना केै लिए शर्ते –
- योजना का लाभ सिर्फ मध्य प्रदेश राज्य के पंजीकृत किसानों तथा पशुपालकों ही ले सकते है।
- बीमा कवर के लिए गाय, भैंस, बैल, ऊंट, भेड़, बकरी और सुअर जैसे दुधारू पशुओं सहित मवेशी भी योजना के लिए पात्र हैं
- पशुपालकों को बीमा कंपनी को 24 घंटे के भीतर बीमित पशु की मौत के बारे में सूचित करना अनिवार्य होगा।
- पशुपालन विभाग के डॉक्टर पशु के शरीर का एक शव परीक्षण करेंगे। तैयार रिपोर्ट में पशु की मौत का कारण भी बताया जाएगा।