ऑक्सीजन मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना काल में जब मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से अनेकों को परेशानी का सामना करना पडा तो कही समय पर पर्याप्त ऑक्सीजन की कमी से कईयो को अपनी जान भी गंवानी पडी थी। कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर में ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई थी। भविष्य में ऑक्सीजन की आपूर्ति में इस तरह की कमी से बचने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा प्राण वायु देवता पेंशन योजना के नाम से एक अनूठी पहल की गई है। हरियाणा प्राणवायु देवता पेंशन योजना के तहत 75 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों के रख-रखाव के लिए प्रति वर्ष 2500 रुपये की पेंशन राशि प्रदान की जाएगी। योजना की अधिक जानकारी के लिए अंत तक पूरा आर्टिकल पढें।
हरियाणा प्राणवायु देवता पेंशन योजना
हरियाणा प्राणवायु देवता पेंशन योजना 5 जून 2021 को सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत पूरे राज्य में ऐसे पेड़ों की पहचान की जाएगी जो 75 वर्ष और उससे अधिक पुराने हैं और जिन्होंने जीवन भर ऑक्सीजन का उत्पादन करके, प्रदूषण कम करके, छाया प्रदान करके मानव जाति की सेवा की है। ये योजना ऐसे पेडों को सम्मानित करने के लिए चलाई गई और साथ ही स्थानीय लोगों को इस योजना में शामिल कर उनकी देखभाल के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। योजना में भाग लेने वाले तथा इन पेडों की रखरखाव करने वालो को प्रति पेड़ 2500 रुपये पेंशन के रूप में प्रदान किए जायेंगे।
योजना का नाम |
हरियाणा प्राणवायु देवता पेंशन योजना |
योजना किनके द्वारा आरम्भ की गई | हरियाणा सरकार द्वारा |
लाभार्थी | हरियाणा राज्य के पुराने पेड़ों की रखरखाव करने वालो को |
योजना कब शुरू की गई | 5 जून 2021 |
मुख्य उद्देश्य | पुराने पेड़ों की रखरखाव के लिए प्रति पेड़ 2500 रुपये पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करना |
मुख्य लाभ | पेड़ों के संरक्षण व उनको और अधिक से अधिक लगाने पर जोर दिया जायेगा और लोगों को ताजा ऑक्सीजन प्रदान करने के उद्देश्य को पूरा किया जा सकेगा, ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद मिलेगी। |
प्रोत्साहन धनराशि | प्रति पेड़ 2500 रुपये पेंशन के रूप में |
योजना श्रेणी | हरियाणा सरकार योजनाएं |
आधिकारिक वेबसाइट |
अभी उपलब्ध नहीं। |
हरियाणा प्राणवायु देवता पेंशन योजना के लाभ-
- प्रदूषण के स्तर में वृद्धि तथा खराब वायु गुणवत्ता से राहत मिलेगी।
- हरियाणा के शहरों और कस्बों को गर्मी के प्रभाव को कम करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार मे मदद मिलेगी।
- पड़ों के संरक्षण को बढावा मिलेगा।
- अधिक से अधिक पेड लगाने के लिए आम जनता को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
- पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।