समाज में हर वर्ग का व्यक्ति रहता है उदाहरण के तौर पर गरीब व मजदूर लोग जो घर से दूर रहते है उन्हें एक समय भी ढंग का भोजन नहीं मिल पाता या आर्थिक तंगी की वजह से उचित मात्रा में अच्छा व पोष्टिक आहार उन्हें उपलब्ध नहीं हो पाता। भरपेट भोजन न मिलने की इसी समस्या को दूर करने के लक्ष्य को लेकर राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत वर्ष 2020 में की थी। योजना का उद्देश्य गरीबी की मार झेल रहे लोगों को कम रुपए में पोष्टिक भोजन प्रदान है। योजना के अंतर्गत महज ₹8 रुपए में गरीबों को पोष्टिकआहार दिया जाता है। योजना के लिए सरकार द्वारा अलग से बजट भी बनाया गया है। योजना संबंधित अन्य जानकारी के लिए अंत कर पूरा लेख अवश्य पढें।
इंदिरा रसोई योजना
इंदिरा रसोई योजना जिसको पहले अन्नपूर्णा योजना के नाम से जाना जाता था ये योजना उन नागरिकों के लिए है आर्थिक तंगी की वजह से भूखे सो जाते हैं या किसी कारण से उन्हें भोजन उपलब्ध नहीं हो पाता। योजना के तहत लाभार्थी को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन दिया जाता है। सम्मानपूर्वक एक स्थान पर बैठकर भोजन करने की उचित व्यवस्था भी दी जाती है। दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 8:00 बजे तक उपलब्ध कराया जाता है। भोजन मेन्यू में प्रति थाली में 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं आचार शामिल है।
योजना का नाम | इंदिरा रसोई योजना |
योजना किनके द्वारा आरम्भ की गई |
राजस्थान सरकार द्वारा |
लाभार्थी | राजस्थान राज्य के नागरिक |
योजना की शुरुआत | 20 अगस्त 2020 को |
मुख्य उद्देश्य | गरीबी की मार झेल रहे लोगों को कम रुपए में पोष्टिक भोजन प्रदान करना है, कुपोषण व भूखमरी की समस्याओं को खत्म करना है। |
मुख्य लाभ | जरूरतमंद को भरपेट भोजन मिलेगा व वे अपना कार्य भी उचित ढंग से कर पायेंगे। |
प्रोत्साहन धनराशि | गरीबों के लिए 8 रूपयें में एक समय का भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। |
योजना श्रेणी |
राजस्थान सरकार योजनाएं |
आधिकारिक वेबसाइट | indirarasoi.rajasthan.gov.in |
इंदिरा रसोई योजना के लाभ –
- कोई भी नागरिक भूखा ना सोए इस लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से इंदिरा रसोई योजना को प्रारंभ किया गया था।
- भूखमरी की वजह से बच्चे गंभीर बीमारी और कुपोषण का शिकार होने से बचेंगे।
- सस्ती दर पर गरीब वर्ग के हर व्यक्ति को भोजन उपलब्ध होगा।
- स्थानीय स्वयं सहायता समूह भी लोगों को खाना खिलाने में मदद करते हैं।
- खाना बनाने के लिए सरकारी संस्थान या एनजीओ भवनों का इस्तेमाल किया जाता है।
- इंदिरा रसोई में जॉब करने वाले कर्मचारी, संस्थाओं व अधिकारीयों को नगद पुरस्कार जैसे 21 हजार,15 हजार व 11 हजार रुपए प्रदान किया जाता है।
- वैसे तो योजना के माध्यम से गरीबों को 20 रुपए प्रति थाली भोजन दिया जाता है, लेकिन उन्हें पूरे 20 रुपए देने की आवश्यकता नहीं है। इसमें से 12 रुपए का भुगतान राज्य सरकार के द्वारा किया जाता है और बाकी के 8 रुपए लाभार्थी द्वारा दिया जाता है।